बेहतर है Veg या Non-Veg
Health के लिए हमेशा अलर्ट रहने वाले लोगों में veg or non-veg को लेकर जितना डिबेट हुआ है उतना आज तक कभी नहीं हुआ. आपने सुना भी होगा कि शाकाहारी लोग ज्यादा जीते हैं, शाकाहारी खाना ज्यादा पौष्टिक होता है,19वीं शताब्दी में 75 फ़ीसदी भारतीय लोग शाकाहारी हुआ करते थे जबकि 25 फ़ीसदी लोग मांसाहारी यानी Non- VEGETERAIAN हुआ करते थे. आज ये आँकड़े पलट चुके हैं. आज 70 प्रतिशत लोग माँसाहारी हैं जबकी 25 से 30 फ़ीसदी लोग शाकाहारी हैं और 1 फ़ीसदी से भी कम लोग हैं जो वीगन हैं यानी जो एनिमल बेस्ड के किसी भी प्रोडक्ट जैसे अंडे, दूध से बिल्कुल दूर हैं लेकिन भारत में आज भी दुनिया के शाकाहारियों की संख्या सबसे ज्यादा है.
Veg और Non-Veg में क्या है बेहतर?
मॉडर्न साइंस डाइट में अंडे, माँस,मछली को प्रोटीन के लिए सबसे बेहतर स्त्रोत मानता है. मॉडर्न साइंस की मानें तो non-veg में सभी 9 तरह के अमीनों एसिड्स मिलते हैं इसके अलावा इसमें बी-12,ओमेगा, नियासिन और सेलेनियम जैसे कई विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं लेकिन आयुर्वेद ऐसा नहीं मानता. हालांकि मॉडर्न साइंस भी मांसाहारी खाने को लेकर एक मत नहीं है.
क्या कहती है Reports
कई रिपोर्ट्स में ये बात सामने आई है कि प्रोसेस्ड माँस का सेवन करने से दिल का खतरा बढ़ जाता है, कैंसर की संभावना शाकाहारियों के मुकाबले मांसाहारियों में ज्यादा होती है, कई रिपोर्ट्स में रेड मीट को जानलेवा बताया गया है, यहाँ तक कि कई रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया है कि वेजिटेरियन डायट लम्बी उम्र के लिए ज्यादा बेहतर है इसलिए कई सिलेब्स नॉन-वेज छोड़कर वेजिटेरियन खाने की ओर रुख कर रहे हैं।
शाकाहारी खाना मतलब लंबी उम्र की गारंटी
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो शाकाहारी भोजन में सैचुरेटेड फैट्स नहीं होते, जबकि मांसाहार में सैचुरेटेड फैट्स होते हैं। शाकाहारी डायट को ज्यादा बैलेंस्ड माना जाता है, कहा जाता है कि इनमें फाइबर्स, मिनरल्स, विटामिन्स और एंटीऑक्सिडेंट्स मिलते हैं इसलिए खाने में हरी सब्जियां, फल और ड्राई फ्रूट्स को शामिल करें जिससे शरीर को ऐंटीऑक्सिडेंट्स भी मिले और गंभीर बीमारियों के लिए जिम्मेदार फ्री रेडिकल्स न्यूट्रल भी हो सके क्योंकि यही फ्री रेडिकल्स कई गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर जैसी बीमारियों के लिए जिम्मेदार बनते हैं.
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि वेजिटेरियन डायट जैसा पोषण non-veg डाइट में नहीं मिल पाता। डायट को तब तक हेल्दी नहीं माना जा सकता, जब तक उसमें सारे जरूरी पोषक तत्व हों.
20 सालों के लम्बे अध्ययन के बाद अमेरिकन बायोलोजिस्ट टी कॉलिन कैम्बबेल ने 2005 में ये निष्कर्ष निकाला कि प्लांट बेस्ड डाइट ही बेस्ट है. उन्होंने आगे कहा कि डेयरी प्रोडक्ट्स और पशु से प्राप्त प्रोटीन से कैंसर प्राप्त होता है.
नॉन वेज फूड में सैचुरेटेड फैट्स होते हैं जिससे ब्लड प्रेशर, कॉलेस्ट्रॉल और मोटापा बढ़ता है। नॉन वेज को पचाने मुश्किल भी होता और काफ़ी समय भी लगता है। कई रिसर्च में ये बात सामने आ चुकी है कि जो लोग प्लांट बेस्ड डायट लेते हैं उनमें नॉन-वेजिटेरियन खाने वालों की तुलना में हार्ट अटैक से मरने का खतरा कम होता है।
लेकिन अगर आप वेजिटेरियन हैं तो भूलकर भी न सोचें कि आप हेल्दी हैं क्यूंकि अगर आप अपनी डाइट में ऐसी चीजें खाते हैं जिनमें सोडियम और शुगर की मात्रा ज्यादा होती है तो आप भी सुरक्षित नहीं.
कई रिपोर्ट्स में ये बात साबित हो चुकी है कि अच्छी हेल्थ चाहिए तो वेजेटेरियन डायट बेस्ट है लेकिन ये काफ़ी नहीं,इसके साथ आपका लाइफस्टाइल भी काफी मायने रखता है। इसलिए चाहें आप शाकाहारी हों या माँसाहारी, बैलेंस्ड डायट के साथ एक्सरसाइज को भी अपनी रुटीन का हिस्सा जरुर बनायें।
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