The SS Ourang Medan, Ghost Ship

आज हम आपके लिए एक ऐसी कहानी लेकर आये हैं जो भारत की आजादी से लेकर अब तक पूरी दुनिया के लिए रहस्य बनी हुई है। यह कहानी है एक ऐसे समुद्री जहाज की जो बीच समुद्र में अचानक एक कब्रिस्तान में तब्दील हो गया।

  

बात साल 1947 के जून महीने की है। उस समय मलक्का की खाड़ी में मौजूद व्यापारिक जल मार्ग से कई समुद्री जहाज गुजर रहे थे। तभी अचानक एक एसओएस संदेश पहुंचा कि एक जहाज पर सभी क्रू सदस्यों की मौत हो चुकी है। दरअसल, एसओएस संदेश आपातकालीन स्थिति में भेजे जाते हैं। अब उस जहाज के सिग्नल को पहचानते हुए नजदीक के सभी जहाज उस रहस्यमयी जहाज की तरफ बढ़ने लगे।


मगर इस रहस्यमयी जहाज के सबसे नजदीक मर्चेन्ट शिप ‘द सिल्वर स्टार’ था, जो तेजी से उसके पास पहुंच गया। द सिल्वर स्टार के क्रू मेंबर्स जब उस जहाज पर पहुंचे, तो वहां का मंज़र देखकर सबके पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने देखा- हर तरफ सिर्फ लाशें ही लाशें बिखरी पड़ी थीं। कई लोगों की तो आंखें भी खुली हुई थीं, जिन्हें देखकर ऐसा लग रहा था, जैसे वो किसी भयानक चीज को देखकर बुरी तरह डरे गए हों।


 हैरान करने वाली बात तो ये थी कि मरने वाले लोगों के शरीर पर किसी भी तरह के जख्म के निशान नहीं थे। उनकी मौत बेहद रहस्यमय तरीके से हुई थी। बाद में द सिल्वर स्टार के क्रू मेंबर्स जब उस रहस्यमय जहाज के बॉयलर रूम में पहुंचे तो उन्हें बहुत ज्यादा ठंड लगने लगी जबकि वहां का तापमान 110 डिग्री फॉरेनहाइट से ऊपर था। ऐसे में यह एक और बेहद हैरान करने वाली बात थी। जहाज का बेहद डरावना और रहस्यमयी नजारा देखने के बाद द सिल्वर स्टार के क्रू सदस्यों ने जल्दी से अपने जहाज पर जाने का फैसला किया।

मगर जब तक वो अपने जहाज तक पहुंचते, उससे पहले ही उस जहाज से अजीब सा धुआं निकलने लगा और उसमें आग लग गई। इस हाल में क्रू सदस्य जैसे तैसे अपने जहाज पर वापस पहुंचे। उनके वहां पहुंचते ही उस रहस्यमय जहाज में एक जोरदार धमाका हुआ और देखते ही देखते जहाज समुद्र की गहराईयों में विलीन हो गया।


कुछ लोग इस घटना के पीछे किसी अदृश्य शक्ति को जिम्मेदार बताते हैं, तो वहीं कुछ लोगों का मानना है कि वहां प्राकृतिक गैसों का एक बादल बन गया था, जिसकी वजह से जहाज के सभी क्रू सदस्य मारे गए और जहाज में भी आग लग गई। बता दें कि इस रहस्यमय जहाज को ‘द एस एस ओरंग मेडान’ के नाम से जाना जाता है। इस घटना के लिए कौन जिम्मेदार था, यह आज तक कोई नहीं जान सका है। मगर उस घटना के बाद से लोग  ‘द एस एस ओरंग मेडान’ को भूतिया जहाज कहने लगे। तो वहीं कुछ लोग इसे काल्पनिक घटना मानते हैं।

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