इरादा मज़बूत हो तो रुकावटें भी सफल होने से नहीं रोक सकतीं। संघर्ष की जीती जागती मिसाल, DSP बबली सिंह ने यह साबित कर दिया है। कांस्टेबल की 20-20 घंटे की नौकरी, उस पर गर्भावस्था की मुश्किलें और बिहार लोक सेवा आयोग यानी बीपीएससी जैसी कठिन परीक्षा; कोई भी रुकावट बबली को उनके लक्ष्य से डिगा नहीं सकी। अगस्त में निकले बीपीएससी के रिज़ल्ट ने बबली को कांस्टेबल से सीधे डीएसपी की पोस्ट तक पहुंचा दिया है। कल तक बबली जिन अफ़सरों को सैल्यूट करती थीं, अब वे बबली के अंडर काम करेंगे। आज बबली बिहार की लड़कियों के लिए रोल मॉडल बन गई हैं। बबली के घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब थी जिसके चलते वो हमेशा से ही सरकारी नौकरी करना चाहती थीं। क्यों कि इसमें जॉब के सुरक्षित रहने की गारंटी होती है। दरअसल, बबली के पिता तुलसी प्रसाद, गया के एक छोटे से किसान हैं। वो किसानी के साथ एक स्कूल बस भी चलाते हैं। घर में बबली की चार बहनें और एक भाई हैं। आज से क़रीब सात साल पहले, 2015 में बबली को पुलिस विभाग में कांस्टेबल की नौकरी मिली थी। बबली ने पहले से ही सोच रखा था कि जो भी पहली नौकरी मिलेगी वह वो नौकरी कर लेंगी। इसलिए खगड़िया में कांस्टेबल के पद पर उन्होंने ज्वाइन कर लिया। लेलेकिन यह उनकी मंज़िल नहीं थी। क्योंकि वो कुछ बड़ा करना चाहती थी। इसलिए उन्होंने नौकरी के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने की ठानी। 2013 में बबली की शादी हो गई उनके पति रोहित सिंह एक छोटा सा बिज़नेस करते हैं। उनके पति ने ही उन्हें विभाग में आगे बढ़ने और बीपीएससी का एग्ज़ाम देने के लिए प्रोत्साहित किया। इतना ही नहीं बबली के ससुराल वालों ने भी उनका बहुत साथ दिया नौकरी के साथ बीपीएससी निकालना आसान नहीं था हर कोई जानता है कि पुलिस की नौकरी 24×7 होती है। इस बीच बबली को कई बार 20-20 घंटे ड्यूटी करनी पड़ती थी। जिसकी वजह से वो काफी थक जाती थी। और ऐसी परिस्थिति में पढ़ना आसान नहीं था। जब बबली को मेंस एग्ज़ाम देना था उस दौरान वो गर्भवती थी। नौकरी, पढ़ाई, इन सभी चीज़ों को बैलेंस कर पाना बहुत मुश्किल था। बबली बीपीएससी में पहले दो अटेम्प्ट कर चुकी थी और ये तीसरा अटेम्प्ट था, और वो इसको बेकार नहीं जाने देना चाहती थी। बबली ने छह महीनों की छुट्टी ली, और पटना जाकर पूरी तरह अपनी पढ़ाई पर फ़ोकस किया।” बीपीएससी ने 689 पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन किया था, जिसमें से 685 को सफल घोषित किया गया। 13 अप्रैल, 2022 को मुख्य परीक्षा का नतीजा आने के बाद कुल 1838 उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था। एग्ज़ाम में कुल 1768 उम्मीदवार शामिल हुए थे। अगस्त में बिहार लोक सेवा आयोग की इस परीक्षा का रिज़ल्ट घोषित किया गया था। बबली इसमें पास हुईं और उन्हें 208वीं रैंक मिली। बबली की कामयाबी को हर किसी ने सराहा है।
जब बबली हाईस्कूल में थी तब उन्हें विज्ञान विषय लेना था, लेकिन वह विषय बहुत पढ़ाई मांगता है। और वहीं बबली को पढ़ाई के लिए बाहर भी जाना पड़ता। घर की स्थिति अच्छी नहीं थी जिसकी वजह से उन्हें मन मारकर आर्ट्स से पढ़ाई करनी पड़ी।
खगड़िया से इसी साल, यानी 2022 के जुलाई महीने में ही बबली का ट्रांसफर बेगूसराय पुलिस लाइन में हुआ है। फिलहाल उन्हें डीएसपी पद की ट्रेनिंग के लिए राजगीर, बिहार स्थित पुलिस ट्रेनिंग एकेडमी भेजा गया है। एसपी बेगूसराय योगेंद्र कुमार ने उनको इस सफलता के लिए सम्मानित भी किया। अपने सपनों का पीछा कर रहीं बाकी लड़कियों के लिए आज बबली हौसला बन कर उभरी हैं।
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