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शिलाजीत का नाम आप में से बहुत लोगों ने सुना होगा। अक्सर हममें से बहुत लोग

इसे केवल पुरुषों की समस्या से जुड़ी औषधि मानते हैं और इसे पुरुषों की मर्दाना

कमजोरी, ताकत की जड़ीबूटी से ज्यादा नहीं मानते जबकि ये आधी अधूरी जानकारी

है। इस तरह की आधी अधूरी जानकारी हमारा नुकसान ही करती है। प्रकृति के इस अमूल्य

वरदान का भारतीय चिकित्सा पद्धति में सदियों से उपयोग होता आ रहा है। भारतीय

आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में इसे उन बीमारियों के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है

जिसका इलाज़ मेडिकल साइंस के पास भी नहीं है। कई एथेलीट, ओलंपियन

इसका प्रयोग करते हैं।


यह लंबी उम्र और कई अन्य बीमारियों के लिए हजारों वर्षों से उपयोग किया जा रहा है। शिलाजीत एक मोटा, काले-भूरे रंग का खनिज तारकोल है, जो हिमालय पर्वतों में दरारें से गर्मियों में तापमान बढ़ने पर बाहर निकल जाता है। इसलिए इसे पर्वतों का पसीना भी कहा जाता है जो विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्वों का शक्तिशाली स्रोत हैं, माना जाता है इसमें 85 तरह के एक्टिव पोषक तत्व पाए जाते हैं। सभी प्रकार के मानसिक और शारीरिक तनाव से बचाव में शिलाजीत बहुत कारगर है। सभी तरह के हेल्थ सप्लीमेंट को शिलाजीत से रिप्लेस किया जा सकता है। ये सर से लेकर पैर तक कि हर बीमारी के लिए असरकारी है। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी शिलाजीत का सेवन कर सकते हैं।


इसमें सबसे ज्यादा( FULVIC) फुल्विक एसिड की मात्रा पाई जाती है जो शिलाजीत को सभी औषधि से आगे खड़ा करती है। कुछ दिनों के सेवन से ही आप शिलाजीत का असर बालों, त्वचा, ऊर्जा ,पाचन और दिमाग पर देख सकते हैं। गंजेपन, सोरायसिस या फिर मोटापे जैसी समस्या से यदि आप भी काफ़ी लम्बे समय से जूझ रहे हैं तो जितना जल्दी हो सके इसका इस्तेमाल करना शुरू कर दें।


लेकिन इसका इस्तेमाल अपनी आयु ,रोग,लिंग के आधार पर करें तो बेहतर रहेगा नहीं तो लाभ के स्थान पर नुकसान भी हो सकता है।


आयुर्वेद में शिलाजीत को एक मात्र ऐसी औषधि माना जाता है जो रस ,रक्त ,मांस ,मेड ,अस्थि मज्जा शुक्र जैसी धातुओं पर बड़ी तेज़ी से असर करता है।


चलिए एक-एक कर आपको इसके फ़ायदे बताते हैं :


1.ऊर्जा के लिए :

सदियों से, आयुर्वेदिक दवाओं के चिकित्सकों ने ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए शिलाजीत का उपयोग किया है। ये शरीर के भीतर माइटोकोंड्रिया के कार्य को बढ़ाता है, शरीर को मजबूत एंटीऑक्सिडेंट गुणों के साथ पुनर्जीवित करती है।


2. मस्तिष्क के लिए :

अध्ययनों से पता चलता है कि इसमें विशेष न्यूरोप्रोटेक्टेव क्षमता है जिसे अल्जाइमर रोग के अलावा विभिन्न शरीर प्रणालियों को नियंत्रित करके प्रतिरक्षा प्रणाली और हार्मोन का संतुलन बनाकर रखता है।


3. मधुमेह के लिए असरकारी :

शिलाजीत मधुमेह रोगियों में रक्त ग्लूकोज और लिपिड प्रोफाइल को कम करने में मदद करने के साथ ही कैंसर जैसे फेफड़े, स्तन, कोलन, डिम्बग्रंथि और यकृत कैंसर से बचाव में मदद करता है।


4. शरीर की सूजन कम करे :


शिलाजीत का इस्तेमाल गैस्ट्रिक अल्सर के उपचार और रोकथाम, तथा उनसे संबंधित सूजन को कम करने में बहुत प्रभावी है।


दिल और रक्त के साथ इसकी हर एक खुराक में लोहे की उच्च पस्थिति इसे एनीमिया के लिए प्रभावी उपचार बनाती है।


आज कल कई युवा कई तरह के दुर्व्यसनों की चपेट में हैं ऐसे में शिलाजीत लत को तोड़ने की प्रक्रिया पर गहरा प्रभाव डालती है। इसे तभी ओपिओइड रोगियों को दिया जाता है।


बांकी आप यौन उत्थानकारी के रूप में इसके उपयोग के बारे में पहले से ही जानते हैं।


इस औषधि को सही तरीके से और सही मात्रा में लिया जाए तो ये किसी वरदान से कम नहीं है जबकि इसकी अधिक मात्रा शरीर में अत्यधिक गर्मी या उत्तेजना,पैरों में जलन,यूरिन में वृद्धि या कमी,मतली, चक्कर , तेज़ धड़कन, खुजली भी दे सकती है ऐसे में तुरंत शिलाजीत का उपयोग बंद कर दें।


बाज़ार में शिलाजीत सॉलिड , लिक्विड और केप्सुल्स फॉर्म में मिलता है लेकिन बेहतर रहेगा आप इसके लिक्विड का इस्तेमाल करें।


एक व्यस्क के लिए 150 से 250 MG शिलाजीत का सेवन सही माना गया है. 12 साल से कम उम्र के बच्चों को शिलाजीत नहीं देना चाहिए, अगर दिल के मरीज़ हैं , उच्च रक्तचाप के शिकार हैं या किसी संक्रमण से पीड़ित हैं या शरीर में आयरन कि मात्रा बढ़ी हुई है तो इसका सेवन न करें।


शिलाजीत की तासीर गर्म होती है और इसका इस्तेमाल सर्दियों में करना बेहतर माना जाता है, गर्मियों में तीन महीने के सेवन करने के बाद एक महीने का ब्रेक लिया जाता है जो भी हो आपको इसका प्रयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।


बेहतर परिणाम के लिए इसे गुनगुने पानी या दूध के साथ इसका सेवन किया जाता है।

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