आज एक ऐसी चमत्कारी औषधि के बारे में बताने जा रहे हैं है, जिसके बारे में कहा जाता है कि समुद्र मंथन के समय अमृत कलश से जो बूँदें गिरी उससे ही ये जड़ीबूटी पनपी है जिसका इस्तेमाल कई रोगों के उपचार के लिए सदियों से किया जाता रहा है और इसलिए यह औषधि अमृत के समान है. इस चमत्कारी औषधि का नाम है हरड़ !
पेट के रोगों के लिए इसे रामबाण मना गया है. आयुर्वेद में हरड़ (Harad) दो प्रकार की होती है जिसमें से एक छोटी हरड़ होती है जिसे काली हरड़ कहते हैं जबकि एक पीली प्रकार की हरड़ होती है. आयुर्वेद में इस औषधि को लेकर एक कहावत आती है, कहा जाता है कि एक बार के लिए आपकी माँ नाराज़ हो सकती है लेकिन पेट में गयी हरड़ नहीं.
बढ़ती उम्र से जुड़ी समस्या हो या विवाहित लोगों के यौन जीवन से जुड़ी समस्या हरड़ को सेक्स पॉवर को बढ़ाने के लिए जितना जबरदस्त माना जाता है उतना ही सेहत से जुड़ी अन्य समस्याओं में लिए भी ये कम कारगर नहीं.
अन्य भाषाओं में हरड़ (Harad)के नाम
हरड़ (Harad) को हरीतकी (Haritaki), टर्मिनलिया चेबुला (Terminalia Chebula), हरद, कदुक्कई, कराकाकाया, कदुक्का पोडी और हर्रा जैसे कई नामों से जाना जाता है. आयुर्वेद में तो हरीतकी यानी हरड़ का इस्तेमाल कई दवाओं में किया जाता है. यह एक ऐसी कारगर औषधि है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद गुणकारी होती है.
हरड़ के सेवन से बुखार, पेट फूलना, उल्टी, गैस, कब्ज और बवासीर,मधुमेह, नेत्र विकार,त्वचा संक्रमण,बेहोशी,वज़न घटाने जैसी कई समस्याओं से चुटकियों में राहत मिलती है. यही नहीं आप हर ऋतू में इसक सेवन कर सकते हैं, केवल अनुपात का आपको ध्यान रखना है.
हरड़ के फ़ायदे
1) पाचन शक्ति बेहतर बनाए
पेट से जुड़े रोगों के लिए जैसे अपच या खराब पाचन की समस्या से निजात पाने के लिए हरड़ का सेवन करना बहुत फायदेमंद रहता है इसके लिए आपको आधे कप पानी में थोड़ी हरड़ मिलाकर पीना चाहिए. पेट रोग मुक्त रहेगा साथ ही त्वचा और बाल भी स्वस्थ बने रहेंगे.
2) उल्टी की समस्या से राहत
हरड़ का इस्तेमाल उल्टी की समस्या में राहत दिलाता है. सुबह उठते ही अगर आप भी जी मिचलाने या उल्टी महसूस करते हैं तो आपको शहद के साथ हरड़ का उपयोग करना चाहिए.
3) दस्त रोकने में कारगर
कई बार फ़ूड पोइजनिंग की वजह से दस्त होने लगते हैं ऐसे में अगर आप भी दस्त की समस्या से परेशान हैं तो आपको हरड़ का सेवन जरुर करना चाहिए. इसके लिए पीड़ित व्यक्ति को हरड़ की चटनी बनाकर खिलानी चाहिए. दिन में कम से कम 3-4 बार इसकी चटनी खाने से दस्त की समस्या ठीक हो जाती है.
4).पाइल्स के लिए फ़ायदेमंद
बवासीर यानी पाइल्स,मलद्वार या गुदा के आस-पास की नसों के फूलने या उन पर सूजन आने के कारण होती है. बवासीर होने पर गुदा पर मस्से जैसे उभार आते हैं, इस वजह से मलत्याग करते समय असहनीय दर्द होता है. ऐसे में हरड़ को गर्म पानी में उबालने के बाद उसे ठंडा करके नियमित पीना चाहिए
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