मुश्किलों के आगे तो बड़े-बड़े लोग घुटने टेक देते हैं, लेकिन झारखंड के गुमला जिले की रहने वाली फुटबॉलर सुधा अंकिता टिर्की के अंदर हर तुफान से लड़ने का हुनर है। वो हर तुफान से लड़ते हुए आगे बढ़ने वालों में से हैं,
गुजरात की रहने वाली एक 17 साल की लड़की ने जो बदलाव लाने का सपना देखा था। आज उसे उसने सच किया है। वो लड़की आज गौरीबेन नाम से जानी जाती है। गौरीबेन एक ऐसी महिला जिसे पढ़ना-लिखना नहीं आता है। जब वो
एक बार एक बच्चे ने अपने पापा से पूछा मेरी लाइफ की क्या value है? तभी उसके पापा ने कहा की अगर तुम सच में अपनी जिंदगी और अपनी वेल्यू को समझना चाहते हो, तो मैं तुम्हे एक पत्तथर देता हूं और तुम
महिलाओं के ड्राइविंग स्किल्स पर कई सवाल उठते हैं इतना ही नहीं उन पर कई Memes भी बन चुके हैं, लेकिन आज हम जिस दादी के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, उसे सुनने के बाद शायद आपका नज़रिया बदल जाए। अमूमन
आज भी बहुत सी जगह महिलाओं को एक दायरे में सीमित करके रखा जाता है लेकिन ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं जो अपना नाम न सिर्फ हिंदुस्तान बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर रही हैं। आज महिलाओं की काबिलियत के आगे पूरी दुनिया
उत्तर प्रदेश के रहने वाले आलोक नाम के एक दिव्यांग शख्स इन दिनों चर्चा में बने हुए हैं। हर जगह उनके नाम के Article छप रहे हैं। दरअसल, आलोक पेशे से एक किसान हैं…. पोलियो होने की वजह से आलोक बचपन में ही